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Anuradha Keshavamurthy

Inspirational

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Anuradha Keshavamurthy

Inspirational

राष्ट्र प्रेम की नित ज्योत

राष्ट्र प्रेम की नित ज्योत

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201


जिए कैसे अपने पूर्वज सहकर

सौ साल दासता की हालत ?

परतंत्र भाव ही कर नित आहत,

देता है मन को पल-पल आघात।

 

इस मिट्टी के हर कण में,

पसरा है गंध बलिदान का।

शहीद हर सपूत के मन में

पुंज भरा था स्वाभिमान का।

 

मातृभूमि पर मर- मिटनेवाले 

हे राष्ट्र भक्त वीर सपूतों,

नमन है सदा, बलिदान आपके 

देन प्रदत्त नित स्वतंत्र को।


निर्भीकता से शीश उठाकर,

करें सब माँ भारती का गुणगान।

निर्मल भाव से नमन- कर,

तिरंगा का करें नित सम्मान ।


राष्ट्र प्रेम की दिव्य ज्योत

रहे सदा अजस्र सद्योत।

हो जन गण मन सर्वदा

स्वतंत्र भाव से ओतप्रोत।


जन गण मन है आज अति प्रसन्न

है मंद-स्मित वदना माँ भारती।

लहरा है आज त्रिवर्ण वैजयंती,

स्वतंत्रता की है आज अमृत वर्धंति।


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