राम और हम
राम और हम
राम सा बनना इतना कठिन भी नहीं।
राम सा जीवन जीना असंभव भी नहीं।
पिता की आज्ञा पालना है।
माता का आदर करना है।
गुरु को मस्तक नवाना है।
भाइयों से प्रेम निभाना है।
सहज सरल बनना है।
बस इतना ही तो करना है
अभिमान नहीं करना है
वचन का मान रखना है
निर्बल का हाथ पकड़ना है
सदा सच के साथ रहना है
प्राणी मात्र से प्रेम करना है
बस इतना ही तो करना है
बुराइयों पर विजय पाना है,
जीवन में मर्यादा लाना है।
घर को पर्ण कुटी बनाना है।
बच्चों को रामकथा सुनाना है।
बच्चों को राम सा बनाना है
बस इतना ही तो करना है।