राखी
राखी
भाई बहन का प्यार
ईश्वर का है वरदान
प्रेम की डोर से
बंधे हैं दिल के तार
बचपन में सब एक साथ
इकट्ठे होते थे आंगन में
बुआ, चाचा सब होते आनंद में
पापा के बुआ बांधती राखी
फिर आती चाचा की बारी
फिर हम बहनें बांधतीं राखी सब भाइयों को
उपहार मिलता जब उनसे देती खूब आशीष उनको
फिर सब मिलकर खूब मिठाई खाते
गुलाब जामुन डिब्बे में एक भी बच न पाते
सब मिलकर अंताक्षरी खेल में लग जाते।
अब तो उन दिनों को याद भर कर लेती हूं
राखी के त्योहार पर भाई को मिस करती हूं
बड़ी दूर है अब वो मुझसे शुभकामनाएं भेज देती हूं
फोन पर ही उससे राखी मुबारक कर देती हूं
भाई बहन का प्यार सदा बना रहे यूं ही
ईश्वर से दुआ है मन की सदा यही।