राज़
राज़
मौत ने दफन कर
दिये राज़ कई
यूं तो कई राज़ जिंदा हैं अब भी
जो बचे हैं जिंदा उनके साथ लेकिन
सफर जिंदगी का बचा है बहुत कम
बाकी
राज़ राज़ ही रहें
उनका पर्दाफाश न हो
इसी में सबकी भलाई
सबकी सलामती
सबकी महफूज इज्जत आबरू
जो गया वह लौटेगा नहीं
जो खुशियों का संसार लुट गया
अब आबाद होगा नहीं
राज़ सामने आ भी जाये
जो लाये वही हो उसका गवाह भी
तो भी
वह सच हो पाता नहीं
कोई उसे मानता नहीं।