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Kumar Gaurav Vimal

Others

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Kumar Gaurav Vimal

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राहें भी दिलाती है अतीत की याद...

राहें भी दिलाती है अतीत की याद...

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मंजिल पर जाने से पहले,

हो बस तुझसे एक मुलाकात...

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद...


दीदार के लिए एक तेरे,

करते थे हर रोज़ बहाना...

मानते थे कभी घरवालों को,

कभी दिल को पड़ता था मनाना...

चाहत थी बस एक दिल की,

हमेशा हो तू इसके साथ..

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद...


हर उस शख़्स से जुड़ जाता था,

जिस से तेरा कोई नाता था...

वो चीज़ पसंदीदा बन जाती थी,

जो कभी तुझे यूंही भाता था...

पसंद आ जाए ये दिल भी तुझको,

इस दिल मे रहती थी बस यही बात...

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद...


हर रोज़ नए सपने लिए,

इन आंखों को खोला करता था...

बोलना चाहिए जो कुछ तुझे,

वो खुद को ही बोला करता था...

कह दू जब सब कुछ तुझको,

आए कभी ऐसी भी रात...

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद...


कोरोना के इस काल ने,

हाल दिल का कुछ ऐसा बनाया...

फेक कॉल के जाल ने,

हमारे रिश्ते को उलझाया...

ईश्वर बस सात घंटे में दे दे,

मुझे सात जन्मों की सौगात...

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद...


मंजिल पर जाने से पहले,

हो बस तुझसे एक मुलाकात...

राहों में रुक कर ये याद आया,

की राहें भी दिलाती है अतीत की याद.


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