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Anita Sharma

Romance

3  

Anita Sharma

Romance

प्यार

प्यार

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कभी तुम गीत बनो मेरे, कभी मैं तुम्हारी गजल बन जाऊं

तुम मेरे कान्हा, मैं तेरी राधा बन जाऊं। 

कभी साथ भीगें बारिश में, कभी भरी दोपहरी में झुलसे

कभी सर्दियों की सुनहरी धूप संग में सेंके। 

तुम मेरे मनमीत मैं तुम्हारी प्रियतमा बन जाऊँ। 

सोचती हूँ क्या होगा जब ये ख्वाब सच होगा, 

पति, पत्नी तो है हम, 

तुम मेरे प्रेमी मैं तेरी प्रेमिका बन जाऊँ। 

झूम उठेगा सावन जब, हमारा प्यार यूँ होगा। 

जुलाई का महीना भी, तब फरवरी होगा। 

तुम मेरे कान्हा, मैं तेरी राधा बन जाऊं।


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