प्यार v/s परिवार
प्यार v/s परिवार
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मेरी जिदंगी भी जैसे
एक म्यान में दो तलवार है।
एक तरफ मेरा प्यार तो
दूसरी तरफ मेरा परिवार है।
प्यार कह रहा है
क्यूँ दुनिया की परवाह कर रहा है।
परिवार कह रहा है
क्यूँ जिंदगी अपनी तबाह कर रहा है।
प्यार चाहता है
मैं उसी का होकर रहूँ।
परिवार चाहता है
मैं प्यार को अलविदा कहूँ।
हर हाल में मुझे
प्यार अपने को पाना है।
छोड़ना परिवार को भी नहीं है
दोनों में सामंजस्य बिठाना है।।