प्यार के दीपक जलेंगे
प्यार के दीपक जलेंगे
प्यार के दीपक जलेगें फिर कभी
रोशनी में हम जिएंगे फिर कभी।
फूल की खुशबू से मधुबन खिल गया
लाज के घुंघट उठेगें फिर कभी।
भा गई आँखों को रसवंती अदा
रूप के प्याले पिएगें फिर कभी।
झांक ले आँखों मे आँखे डालकर
शब्द को रस में गुथेगें फिर कभी।
हम तेरे आँचल से लिपट जाएगें
साज की सरगम सुनेंगे फिर कभी।
आओ आपस मे बहारें बाँट ले
प्यार की बारिश करेगें फिर कभी।