पूनम की रात
पूनम की रात
पूनम की रात हो
चाँदनी की बरसात हो
तेरी मेरी मुलाक़ात हो
कुछ तुम कहते कुछ मैं
कुछ तुम सुनते कुछ मैं
एक पल शांत रहते,
कुछ न कहते, कुछ न सुनते
लब्बजों को सील, नज़रों में बहते
लब्ज़ न कहते जो बात,
नज़रों के थ्रू दिल में उतरते
कुछ तुम कहते कुछ मैं सुनता
कुछ मैं कहता कुछ तुम सुनते
बस तुम होते मैं होता और ये प्रेम होता।