पुस्तक दिवस विशेष
पुस्तक दिवस विशेष
सैकड़ों दोस्त बनाए हमने
हजारों बार दोस्ती निभाई
आखिर में जाकर हमको अब
ये बात समझ है आई
सब दोस्त खुद में अच्छे हैं
पर किताबों से अच्छा दोस्त कोई नहीं
ज्ञान मनोरंजन का इतना अथाह खजाना
हो जिसके पास ऐसा दोस्त कोई नहीं
किताबें ना दगा देती हैं ना हमसे जलती हैं
किताबों से दोस्ती सालों साल चलती है
ना ये रूठती है ना ये लड़ती हैं
दिन में ज्ञान देती रात में गले लगती हैं
अब जाकर हमने तो ये माना है
संगदिल ये सारा ही जमाना है
दोस्त भले कितने बनाएं जिंदगी में
पर अपना बेस्टी किताबों को बनाना है।