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Ashish KUMAR

Others

5.0  

Ashish KUMAR

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पुरानी यादें

पुरानी यादें

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आज का दिन है मैं यह लिख रहा हूँ,

पर ज़िक्र इसमें कल का है जो बीत चुका है। 

वो कल जो याद नहीं करना चाहता

पर सवाल यह था कि उसे कैसे भूलता। 

आज उनको कलम से शक्ल दे रहा हूँ,

बस आपके सामने उन बातों को बयान

कर रहा हूँ। 


एक दिन मैं खुश था क्योंकि छोटी सी गुड़िया

इस दुनिया में आयी थी, खुश था मैं

इतना कि खुशी की सीमा नहीं थी

पर उस ख़ुशी की तरह उस गुड़िया की

उम्र लम्बी नहीं थी


अगले दिन मैंने देखा एक सपना ,

मैं उठा, घबराया, कहीं पूरा ना हो जाये

वह सपना। 

पूरे दिन मैं सहमा हुआ था घबराया हुआ था,

फिर फ़ोन कि घंटी बजी और सच हो

गया सपना।


मैं रोया, चिल्लाया पर क्या होना था,

जो होना था वह होना था


डर लग रहा था मुझे अब सोने में,

लग रहा था दुनिया समा गयी है रोने में। 

कुछ दिन तक मैं मंदिर नहीं गया,

भगवान से भी मिलने नहीं गया। 


पर सोचा, उनसे मुँह फेर के क्या होगा,

जो हमारे हाथ में नहीं हैं,

उनके बारे में सोच के क्या होगा। 

कई रात फिर भी चैन से नहीं सो पाया ,

उठ उठ कर अपने आप को दोष देता रहा

कि उस दिन पहले क्यों नहीं उठ पाया।


समय बीता सब ठीक हुआ,

ठीक क्या हुआ, हमने उसको अपना लिया।

फिर सब ठीक चल रहा था,

साल पे साल यूं ही बीत रहा था। 


अचानक एक दोपहर फ़ोन आया ,

मैंने अपनों को दुःख के अंधेरे में पाया। 

यह बात अलग थी कि वह दिखा नहीं रहे थे

पर अपनों से छुपा भी कहाँ पा रहे थे। 


मैं अपनों कि तरफ निकला ,

आँखों में आँसू लिए और पूरे रास्ते

यही सोचते हुए, जो रोना हैं रास्ते में रो लेना ,

बाकी जो कसर रह जाये वह वापस आ

कर पूरा कर लेना। 

उनके सामने आँसू नहीं आना चाहिए,

जो भी हो, हिम्मत नहीं जाना चाहिए। 


देख के दुकान की हालत,

पहली बार एहसास हुआ किस तरह

एक चिंगारी पूरी दुनिया हिला सकती है। 

वापस आया, मन में काफी बदलाव था,

मंज़िल तो वही थी, पर सोच में ठहराव था। 

 

काफी क़रीबी लोग छूटे क्योंकि

उनके सपने मेरी तरफ से टूट गए,

इसमें ग़लती उनकी नहीं थी पर

इसमें ग़लती मेरी भी नहीं थी। 


मैं अब सिर्फ घर वालों के लिए

कुछ करना चाहता हूँ,

उनके आँखों के सपनों को

अपनी आँखों से देखना चाहता हूँ। 


कोई फ़िक्र नहीं कोई आये या जाये,

जो होना है हो जाये। 

अब तो बस एक ही है इरादा ,

दोबारा ना आये वह दिन,

अपने से किया यह वादा। 


                                                          


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