पुरानी दिवाली की यादें
पुरानी दिवाली की यादें
पुरानी दिवाली की यादें 🌟
✨ लेखिका – विमला ✨
प्रस्तावना
दिवाली… जो कभी केवल दीयों की नहीं, दिलों की भी रौशनी थी।
जब घरों की सफ़ाई के साथ रिश्ते भी चमकते थे, बच्चों के दोस्तों से और रिश्तेदारों से घर भरे रहते थे।
और मिठाइयों की खुशबू में अपनापन घुला होता था।
समय के साथ बहुत कुछ बदल गया —
अब त्यौहार मोबाइल स्क्रीन और शुगर-फ्री मिठाइयों में सिमट गए हैं।
पर दिल के किसी कोने में, अब भी वही पुरानी दिवाली टिमटिमाती है —
यादों की लौ बनकर… 🌼✨
कविता
"पुरानी दिवाली की यादें”
न कोई घर आया,
न कोई मिलने गया,
टेबल पर काजू-बादाम, पिस्ते —
ज्यों के त्यों पड़े रहे सदा।
वही टेबलक्लॉथ है अब भी,
चादरें भी नहीं बदलीं,
पहले जैसी रौनक कहाँ,
अब तो हर चीज़ है बदल गई।
घूघरा, मठरी, मोहनथाल,
अब कोई खाता नहीं है हाल,
बस शुगर-फ्री मिठाई की डिश,
फ्रिज में रहती दिन-रात।
दरवाज़े पर प्लास्टिक के तोरण,
स्टिकर से “लाभ-शुभ” सजाए,
लक्ष्मी के पग उंबर पर,
अब कुमकुम से कौन बनवाए?
नए कपड़े, चमचमाते जूते,
पॉलिश किए बड़े शौक से,
बोणी की उम्मीद में अब कौन,
घर-घर जाकर झांके आज?
न तारामंडल, न भोंय चकरी,
न रॉकेटों का वो धमाका,
दीवारों पर रोशनी थी तब,
अब बस शांति का सन्नाटा।
साँप की गोली का धुआँ,
जो आँखों को जलाता था,
अब वो बस यादों की गली में,
धीरे-धीरे पसर जाता है।
समय बदल गया है इतना,
सब कुछ अब नया सा लगता है,
फिर भी दिल के किसी कोने में,
कुछ न कुछ तो घुटता रहता है...
"बाय बाय दिवाली"
फिर एक बार आई और चली गई —
उतावली सी, फास्ट फ़ॉरवर्ड दिवाली! 😄
चिवड़े का डब्बा अब भी न्याय की राह में है,
शुगर-फ्री मिठाई ने फ्रिज का कोना रोक रखा है। 😰
आइसक्रीम तो जमी ही रह गई,
ड्रायफ्रूट बॉक्स को हवा ने ही छुआ। 😏
सफ़ाई में बचे कुछ खाने के डिब्बे,
सोच रहे — “हमारा नंबर कब आएगा?” 😜
नई-नई साड़ियाँ भी मायूस हैं,
कहतीं — “कभी तो हमारी भी बारी आएगी।” 😔
द्वार पर रखा नया पायदान,
वैसा का वैसा रह गया,
रिश्तों की व्यस्तता देख,
वो भी सोच में पड़ गया। 🤔
फटाखे भी इस बार रास्ता भूल गए,
धुआँ अब सेहत और जेब — दोनों के लिए बुरा है,
समझदार बनकर लौट गए। 😰
क्या यही थी दिवाली? 😱
अगर कहीं दिखे वो खोई हुई दिवाली,
तो उसका पता हमें बताना,
और मोबाइल स्क्रीन में सिमटी शुभकामनाओं को,
रूबरू मुस्कान में बदलाना। 🌸
छोटी-सी मोबाइल स्क्रीन से निकलकर,
फिर वही जगमगाहट लौटे,
फिर वही परिवार, वही दोस्त,
और चेहरों पर वही खुशहाली लौटे।
हम सबको याद है वो पुरानी दिवाली...
✨🌼
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