पत्थर की लकीर
पत्थर की लकीर
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सितारों पर कभी सरगम छेड़ लिया करो
मीठे मीठे गीत गुनगुना लिया करो ।
बदली तो यूं ही छँट जाएगी
खुशियों की बूंदें भी बरस जाएगी।
बस अपना लिया करो
अपनों को समझा लिया करो।
रिश्ते कभी छूटते नहीं
नाते कभी टूटने नहीं।
बस चुप्पी तोड़ लिया करो
अनबन से मुंह मोड़ लिया करो।
अपनत्व की सीमा नाप लिया करो
रिश्तों को संतुलित कर लिया करो।
जीवन को चक्रव्यूह नहीं
प्रीत के धागों से बुन लिया करो।
रिश्तों को अपनी कमजोरी नहीं
ताकत बना लिया करो।
सुकून की आँच पर सेंककर
पत्थर की लकीर बना लिया करो।