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Vivek Kumar

Inspirational

4.1  

Vivek Kumar

Inspirational

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार

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पति पत्नी का प्यार, जीवन का है आधार,

प्यार और सम्मान से जग में मिलता मान,

दोनों का त्याग, समर्पण और विश्वास, इसे बनाया आगढ़,

संगनी का आधार, पिया का गुरुर, बनाता संबंध मजबूत,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को आता, पावन दिन हरबार,

शिव पार्वती की जिसपर कृपा है होती, वही मनाता त्योहार,

सौभाग्यवती सुहागिन को ही मिलता, ये मौका अधिकार,

पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य, सौभाग्य की कामना करती अपार,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


दो शब्दों का संगम है हमारा यह महात्योहार,

करवा यानी मिट्टी के बर्तन, चौथ यानी चतुर्थी,

सच्चे मन से जो यह रखता, व्रत का उपवास,

करवा माता उसे है देती, सदा सुहागन का वरदान,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


व्रत करने वाली स्त्री का सूर्योदय से इसका होता आगाज,

निराहार नहीं निर्जला उपवास से मिलता, सार्थक फल बेमिसाल,

ॐ शिवायै नमः से पार्वती का, ॐ नमः शिवाय से शिव का,

ॐ सोमाय नमः से छुपे चंद्र का, होता है दीदार,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


छुपे चांद का पिया संग सजनी, करती है इंतजार,

चांद भी इस दिन भाव दिखलाते, लेते सब्र का इम्तहान,

आंखों में सजनी का पिया के प्रति देखकर प्यार,

द्रवित हो चंद्रदेव देते दर्शन, जग को अपरम्पार,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


सब्र का होता बेड़ा पार, चंद्रदेव का होता दीदार,

संगनी संग पिया के चेहरे पर उभरती, मंद-मंद मुस्कान,

चंद्रदेव का दर्शन कर, हर संगनी पिया का छलनी से करती दीदार,

पिया के हाथों जल ग्रहण कर, पूरा होता व्रत महान,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


यह त्योहार एक दिन का ही नहीं, जन्मोजनम के प्यार का,

एहसास दिलाता, दोनों के संबंध को करता और प्रगाढ़,

एक दूसरे का कर सम्मान, अर्धनारीश्वर यही कराता भान,

जीवन संगनी के प्यार से संघर्षमय जीवन, हो जाता आसान,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।


विवेक का सभी पतियों से निवेदन है इस बार,

पत्नी का निश्छल प्रेम और विश्वास की डोर का, करें हम सम्मान,

जीवन रूपी पावन कच्चे डोर को पक्का कर,

अपनी संगनी को दे प्यार का, भरोसा एवं विश्वास,

पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार, यही है करवाचौथ त्योहार।  


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