पति का बटुआ
पति का बटुआ
पति का बटुआ जब रहता है नेक कमाई से भरा
तब पत्नी व परिवार का दिल भी रहता है हरा-भरा
पति के नोटों से भरे बटुए पर होता है हर पत्नी को नाज़
कम खर्च में बढ़िया गुज़ारे संग छिपाती है स्त्री ऐसा राज़
हर सदस्य के मुख से हर वक़्त आती है ऐसी करुण आवाज़
पैसों की होती है मांग तब पति के बटुए पर होता है हमें नाज़
हर पत्नी यही है चाहती कि पति का बटुआ रहे सदा भरा
ज़िन्दगी का हर पल ऐसे ही बीते खुशियों से हरा-भरा
किसी के भी जीवन में न हो कोई खोट रहे सब कुछ खरा
ऐसे ही पति-पत्नी के पावन प्रेम से सजाए रखें सुंदर धरा
पति का बटुआ हर पत्नी के लिए होता है सौभाग्यशाली
पत्नी भी घर रूपी उद्यान को सींचती है बन कर माली
दोनों समझदार, कर्मठ बन फैलाते हैं घर में हरियाली
शुद्ध विचारों संग गुनगुनाते हुए बजाते हैं एक साथ ताली
नोटों के साथ परिवार के भी ठाठ
धन सहित तन-मन भी देते हैं बाँट
धर्मपत्नी के लिए बड़े गर्व की बात
पति का प्यारा बटुआ रहता है साथ।