प्रकाश का त्यौहार
प्रकाश का त्यौहार
अंधकार को मिटाने प्रकाश का त्यौहार आता रहे,
अंधियारा दूर भागे और दीपों का प्रकाश जलता रहे,
पुलकित -पुलकित खुशियों से भर जाए सबका मन,
झिलमिल दीप जले और खुशियों की सौगात आती रहे,
कहीं उजाला तो कहीं अंधेरा ऐसा ना हो अब भेदभाव,
हर घर आंगन में बस खुशियों का एक दीप जलता रहेI