प्रियतम
प्रियतम
तू बनना सांझ मेरे जीवन का
मैं सूरज सा तुझमें ढल जाऊँगी
तू बहना समंदर के लहरों सा
मैं नदियों सा तुझमें मिल जाऊंगी
तुम धरती अंबर सा ना चलना
संग रहकर भी ना मिल पाऊँगी
साथ भले ना रह सकूँ साये सा
तेरे अक्स में ढूंढो मिल जाऊँगी।
तू बनना सांझ मेरे जीवन का
मैं सूरज सा तुझमें ढल जाऊँगी
तू बहना समंदर के लहरों सा
मैं नदियों सा तुझमें मिल जाऊंगी
तुम धरती अंबर सा ना चलना
संग रहकर भी ना मिल पाऊँगी
साथ भले ना रह सकूँ साये सा
तेरे अक्स में ढूंढो मिल जाऊँगी।