परिवार की जड़
परिवार की जड़
जिस परिवार में
माँ की इज्जत नहीं है
पिता के साथ
बुरा व्यवहार हो रहा है
वह परिवार नहीं ;
पत्थर और मिट्टी से बना
घर है।
जो माँ को
साथ नहीं रखते है
पिता को इज्जत देते नहीं
उसे कही इज्जत मिलती नहीं ।
माँ- बाप कैसे भी हो
गरीब- निर्धन ,अँधा - लंगड़ा
वही श्रेष्ठ है
माँ- बाप बच्चों की
भलाई ही चाहते है
सुबह- शाम इसके लिए
भगवान से प्रार्थना करते हैं।
जो यह न समझे
उसे दुनिया का
कुछ भी नहीं मालूम ;
जीवन में कष्ट उसे मिले
जड़ कटे पेड़ के जैसा सूखे
जड़ कटने पर जैसे
पेड़ हरा न रहता
न उसमे फूले
माँ- बाप परिवार के
जड़ है
उसकी सेवा के बैगर
कहो तो
परिवार कैसे चले ?