परे हैं !
परे हैं !
तू वह तसव्वुर हैं जो
हकिकत से परे हैं
ऐसी शिकस्त हो मेरी
जो हसरत से परे हैं
वह करम हो मेरा
जो अंजाम से परे हैं
तू वह नाम हैं मेरा
जो मेरे नाम से परे हैं
तू अश्क हैं वह
जो बूँदोंसे परे हैं
मेरी नींद हैं तू
जो नींदों से परे हैं
तू पुकार है मेरी
जो तेरे आवाज से परे है
मेरा राज हैं तू
जो तेरे राज से परे है।