प्रारब्ध का प्रावधान
प्रारब्ध का प्रावधान
1 min
114
एक दिन युद्ध का अवसान हो जाएगा
खोया-पाया विधि का विधान हो जाएगा।
सर्वनाश के चौराहे पर खड़ा इंसान,
इंसानियत से अंजान हो जाएगा।
रोजी-रोटी की तलाश में भटकता आम इंसान
भूख की तड़प में शैतान हो जाएगा।
परम अणु से छलनी धरा की छाती पर नीले अंबर का छाता वितान हो जाएगा।
फिर से मिला लेगी सियासतें हाथ
समझौते के दस्तावेजों का पुनर्निर्माण हो जाएगा।
अपनों के इंतजार में, अश्रुओं का सैलाब
निराश्रयों के प्रारब्ध का प्रावधान हो जाएगा।