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Mohanjeet Kukreja

Others

4.8  

Mohanjeet Kukreja

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पी लेते हैं...

पी लेते हैं...

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दर्द जब हद से बढ़ जाए

चुपचाप सहा भी ना जाए

होंठों को अपने सी लेते हैं 

ऐसे में हम बस पी लेते हैं... 


जश्न का कोई मौक़ा हो

या खाया कोई धोका हो

ख़ुद को थोड़ी ख़ुशी देते हैं      

ऐसे में हम बस पी लेते हैं... 


कोई अपना बिछड़ जाए

दिल को गर चैन ना आए 

ग़म के साथ ही जी लेते हैं  

ऐसे में हम बस पी लेते हैं... 


मन मौज से लबालब हो 

या दूसरा कोई सबब हो 

कब वजह पे तवज्जो देते हैं

ऐसे में हम बस पी लेते हैं... 


चार दोस्त जो मिल गए हों

चेहरे सब के खिल गए हों

एकाध जाम उनको देते हैं

ऐसे में हम बस पी लेते हैं... 


कोई ख़ुशी हो ना ग़म हो

कैसा भी कोई आलम हो

हर लम्हे का मज़ा लेते हैं 

ऐसे में हम बस पी लेते हैं...  





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