पेड़
पेड़
पेड़ प्रकृति का अनुपम वरदान है
उसकी वंदना करते हैं
धरती को स्वर्ग बनाते हैं
आओ पेड़ लगाते हैं।
हरियाली से लिपटे पहाड़
पेड़ो के पहरों में हैं।
घने घने जंगलों में
पेड़ो का ही राज है।
पेड़ जो कट जाएंगे
दर्द हम ही पायेंगे
वर्षा हमें रुलाएगी
ऋतुएं सारी रूठ जाएंगी।
मुसाफिर छाया को तरसेंगे
पक्षी घर कहाँ बनाएंगे!
फल फूलो की महक न आएगी
सुन्दर सृष्टि सांस नहीं ले पाएगी।
आज वचन हम लेते हैं
वादा सबसे करते हैं
धरा का कर्ज चुकाते हैं
आओ पेड़ लगाते हैं।