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Rajeev Tripathi

Inspirational

4.7  

Rajeev Tripathi

Inspirational

पैसा पैसा

पैसा पैसा

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कहते हैं कि पैसा किसी का

सगा नहीं

मग़र यह नहीं हो तो काम

इन्सान का चलता नहीं

पैसा है तो लोग आसपास है

वर्ना लोग साथ हो इसकी कोई

वज़ह नहीं

पैसा आते ही अहंकार भी

आ जाता है

ऐसा इन्सान अपनी चाल

चल जाता है

जेब ख़ाली हो तो इन्सान भी

ठहर जाता है

पैसा हो तो सब सगे संबंधी

अपना कहने में उनका भला

क्या जाता है

पैसे से कुछ भी नहीं तो कुछ

सालों के लिए

ज़िन्दगी ख़रीदी जा सकती है

वर्ना तो ग़रीबी कहांँ ज़िन्दगी

जी पाती है

ग़रीब का सब मजाक उड़ाते हैं

दुनियांँ में पैसे के बिना ज़िन्दगी

कहांँ जीत पाती है 

इन्सान के सारे दुर्गुण

पैसे की चादर से

ढ़क जाते हैं

वही ग़रीब की झोली में

रुसवाईयांँ ही आती है

पैसा हो तो हम कार ख़रीद सकते हैं

वही गरीब की ज़िन्दगी बेकारी

में गुज़र जाती है

कहीं पैसों से सम्मान

खरीदे जाते हैं तो कहीं

ग़रीब की ज़िन्दगी तो छींटाकशी

में ही गुज़र जाती है

कहीं पैसा हो तो सुख सुविधाएं

वर्ना अभाव कहांँ जी पाए 

कहते हैं पैसा सब कुछ नहीं होता मग़र

पैसा बहुत कुछ होता है

पैसे के साथ और पैसे के बिना

ज़िन्दगी यूँ ही गुज़र जाती हैं 


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