पाकीज़ा प्रेम
पाकीज़ा प्रेम
1 min
101
चल इश्क के दरिया में डुबकियां लगाते हैं
हम मन के मरुस्थल में कुछ फूल उगाते हैं
अंतस के काबा में पांचों पहर सजदा करते हैं,
पाकीज़ा प्रेम में रूह से रूह मिला जाते हैं।