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Neena Ghai

Classics

5.0  

Neena Ghai

Classics

नया साल और कुछ रिश्ते

नया साल और कुछ रिश्ते

1 min
518


कुछ ख़ुशबू भरे लम्हें

कुछ दर्द भरे लम्हें

कुछ कही-अनकही बातें

कुछ दिल बहलाने वाली बातें

कुछ दर्द देने वाली बातें

मैं इस साल की झोली में डाल

नए साल में आगे बढ़ चला हूँ


कुछ नये रिश्ते अपने आप इस

ज़िन्दगी से जुड़ते चले गये

शायद अंतिम सांस तक निभते चले जायेंगे

कुछ ऐसे रिश्ते भी थे जो पीछे छूट गये

जो पीछे छूट गये उन छूटे हुए रिश्तों को

मैं इस साल की झोली में डाल

नए साल में आगे बढ़ चला हूँ


कुछ रिश्ते जिनसे

कभी हम रूठते रहे

कभी वह रूठते रहे

कभी हम मनाते रहे

कभी वह मनाते रहे

फिर भी हम यह प्यारे रिश्ते    

ब-खूबी निभाते रहे

तभी तो मैं इन रिश्तों को

नये साल में ले आगे बढ़ चला हूँ


यह प्यारा रिश्ता दोस्ती का

मैं पीछे छोड़ नहीं सकता

यह दिल के करीब है इतना

कि इसे दिल से जुदा कर नहीं सकता

यह किसी दौलत से कम नहीं है

मुझे इतना अज़ीज़ है कि पीछे

छोड़ नहीं सकता

तभी तो मैं इस रिश्ते को

नये साल में ले आगे बढ़ चला हूँ।


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