नव वर्ष
नव वर्ष
नये साल में नये रूप से
कुछ नया कर दिखाना है
बरसों बिते हंसते खेलते
अब समय ना बिताना है।।
गांव, समाज और माता-पिता के
आशा पुंज बनना है
तन, मन, धन और अर्पण से
काम-काज में लग जाना है।।
छोटी शुरुआत कर के ही
बड़े मुकाम को पाना है
अब समय ना इधर-उधर कर
हम सब को बिताना है।।
लाख मुसीबत से भी लड़ कर
लाखों में एक हो जाना है
आसमान को छू कर भी
जमीन से जुड़े रहना है।।
नये साल में नये रूप से
कुछ नया कर दिखाना है।।