नव जीवन
नव जीवन
नव जीवन का तू बन प्रमाण
एक नये युग का कर निर्माण
अपनी शक्ति को प्रबल कर
बस शस्त्र उठा और बन सबल
दुर्बल सी सोच का त्याग कर
अौर बन जा एक खिलता कमल
भर जोश नया अपने तन में
हर उम्र दराज को प्रेरित कर
ईश्वर की देन इस सृष्टि को
अपनी दृष्टि से निरख जरा
मिल जुल कर सब अागे बढें
पथ रोशन ऐसा कर ज़रा
ना हार मान, बस जीत ठान
अपनी क्षमता से अाज तू
भारत वर्ष का बढा दे मान