निर्भया
निर्भया


आज हम सब दहशत में जी रहे है
आज हम सब वहशत में पी रहे है
इसका जिम्मेदार कौन है
बोल मानव तू क्यों मौन है
आज इंसानों के दिल,
कोयले से ज़्यादा काले हो रहे है
आज लड़कियों के ख़्वाब
जन्म से पहले ही ख़त्म हो रहे है
कोरोना वायरस से ज़्यादा घातक है
ये हम इंसानों के नापाक इरादे है,
ये फूलों में भी बदबू भर रहे है
हम न जाने कब सुधरेंगे
हम न जाने कब बदलेंगे
हमारी कितनी बेटियों पर
ज़ुल्म हो रहे है
क्या हम उस दिन का और इंतज़ार करे
हमारी एक और बेटी को निर्भया करे
अब तो कानून को सख्त करो
दरिंदो की फांसी वक्त पर करो
फ़िर देखना सऊदी अरब की तरह
हिंदुस्तान में भी रेप ख़त्म हो रहे हैं।