नई चिड़िया
नई चिड़िया
नई चिड़िया उड़ रही है
फर फर
निहारती है अपनी युवा देह
सुंदर लाल चोंच
और निश्चिन्त उड़ रही है
फर फर
आकाश ने जारी किया है उसके पक्ष में क़ानून
लगा दी है जिस पर धरती ने भी मुहर
निडर उड़ रही है नई चिड़िया
फर फर
देख उन्हें कुढ़ रहे हैं गिद्ध
धार रहे हैं नया रूप-रंग
वे भरमा रहे हैं चिड़िया को
उकसा रहे हैं
कि और ....और ...ऊँचाई पर उड़ो
फर फर
चाहते हैं वे किसी भी तरह चिड़िया
आये उनकी हद में
और वे शिकार कर सकें उसका
मुझे डर है
नए परों के गुमान में
चिड़िया कर न बैठे कोई भूल
नई चिड़िया नहीं जानती
कि उसकी चोंच
उनके चोंच जितनी नुकीलीे नहीं
ना पंजे उनकी तरह मारक
वह तो ये भी नहीं जानती कि
गिद्ध कभी अकेले नहीं होते ।