Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Pushp Lata Sharma

Romance Fantasy

4.3  

Pushp Lata Sharma

Romance Fantasy

निगाहें मिलाने के दिन आ रहे हैं

निगाहें मिलाने के दिन आ रहे हैं

1 min
236


अँधेरे मिटाने के दिन आ रहे हैं।

दिये अब जलाने के दिन आ रहे हैं।


लिखो खूबसूरत गज़ल नज्म कोई

कि महफिल सजाने के दिन आ रहे हैं।


न जाएँ छुड़ाकर सनम आप बाहें

निगाहें मिलाने के दिन आ रहे हैं।


खता जो हुई है उसे भूल जाओ

मुहब्बत लुटाने के दिन आ रहे हैं।


ज़माना न जाने सभी राज दिल के

कि बातें बनाने के दिन आ रहे हैं।


जरा पुष्प खुद को सम्हालो अभी तुम

दिलों में समाने के दिल आ रहे हैं।


पुष्प लता शर्मा



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance