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Sunil Kumar

Inspirational

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Sunil Kumar

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नारी

नारी

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नारी है विधाता की अनुपम कृति 

नारी से चलती है सृष्टि।


रूप अनेक नारी है रखती 

कन्या-युवती-गृहणी है बनती

दुःख सदा अपनों के हरती

चंडी बन संहार दुष्टों का करती।

 

नारी की महिमा अपरंपार 

नारी है ममता का भंडार

नारी से होते नर ध्रुव-प्रह्लाद समान 

नारी का करते हम सम्मान। 


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