नारी
नारी
नारी की शक्ति असीम है
प्राचीन काल से अब तक निरंतर
स्वेच्छा से गृहस्थ बागडोर सम्भाले है
चलती रहती है पुरुष के समानांतर
जब जब मौका आया है
निकल आँगन की देहरी से
परिवार, समाज देश को बचाया है
अपने कौशल अपने पराक्रम से
इतिहास गवाह है कई उदाहरण है
नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ी है
उनकी वीर गाथायें असाधारण है
पहले भी थी मुश्किलें कुछ अब भी खड़ी है
सुषमा स्वराज के अदम्य साहसी फैसले
कहानियां उनकी सुनी तो होगी
देश की रक्षा में तैनात निर्मला सीतारमन
संसद में हुंकार सुनी तो होगी
मंगल पर पहुंचा दिया भारत को
नारी शक्ति की ऐसी मिसाल
जल, थल, वायु हो या अंतरिक्ष
ये दिखा रही है अपना कमाल
हाँ कुछ अब भी बंधी हुई है
परंपराओं की डोर से समाज में
देती है बलिदान सहमी हुई है
जीती है कल को आज भी अपने आज में