नाचीज़
नाचीज़
नाचिज़ को इतनी मिली इज्जत तो
इसका शुक्रिया
कही प्यार हो गया तो फिर बदनामी का
भारी शुक्रिया
रसिक क़िस्मतवाला मिला उसका करे
सौ बार शुक्रिया
ख़ुदा की इनायत है कभी थम फिर उड़ा दिल
कैसे करे शुक्रिया
बचपन में तितलियाँ भर पोकेट में उम्मीद ले
नाचें सपने शुक्रिया
परवरिश पाजेब ने की दिल से लगाया उस
दिन की बारिश का शुक्रिया
हथेली में रख साँसे लाए करे किस किस
बात का शुक्रिया
छम छम बुंदो ने छेड़ा सलाम उन लटों का
ज़ूमी संग उसका शुक्रिया
तुम पास आए छुईं मुई शर्माई नज़रों का भई
बावरी कन्हैया तेरा शुक्रिया।