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Anita Sharma

Drama Tragedy Inspirational

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Anita Sharma

Drama Tragedy Inspirational

ना भेद कर

ना भेद कर

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धन से ना कभी दर्शाना

तुम वर्चस्व अपने रिश्तों में

रिश्ते समझें मन का धन

धन कभी ना बढ़ा पाया

रिश्तों में गहरा अपनापन


किसी तराज़ू में ना तोलना

वरना संतुलन बिगड़ जाएगा

क्यूंकि जहाँ धन काम ना आता है

वहाँ सच्चे रिश्तों को खड़ा पायेग


भेद ना करना जीवन में कभी

गरीब-अमीर कैसे भी हालात में

बस भाव प्रेम का बना कर रखना 

ना कुंठा पैदा हो तुम्हारे ज़मीर में


अगर काबिल हो चुके हो इतने कि

काम किसी के ज़रा भी आ सको

निस्वार्थ भाव तुम आगे बढ़ना...गर

किसी चेहरे पर मुस्कान ला सको।


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