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Rajdip dineshbhai

Inspirational Others

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Rajdip dineshbhai

Inspirational Others

न हो

न हो

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यह कलम फिसले तो तेरा नाम आए

वर्ना इन सीधी कलम में कोई इश्क का ऐतबार न हो


नहीं हमे कोई शर्मिन्दगी की नहीं हमे कोई किसीसे शिकायत

हर शख्स मोहब्बत के काबिल न हो हर शख्स वफादार न हो


जिस्म निकलती तो उतार कर बताते की हम एक जैसे है पर

ऐसा भी कोई पागल न हो ,ऐसा भी कोई दिलदार न हो


शायद ही समझ आएगा तुम कौन हो मैं कौन हूं?

इसीलिए हर कोई इतना भी मुसाफिर न हो कोई इतना भी मुन्तजिर न हो


जल्दी जल्दी में हा कर पछतावा हुआ 'राज'

सोचूँ की कोई इतना भी तेज न हो, कोई इतना भी बेहूदा शायर न हो


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