मुखौटा...
मुखौटा...
आज के इस
स्वार्थ सिद्धि भरे युग में
लोग इतने छल-कपट
और धोखाधड़ी से
अपना उल्लू सीधा करने में
लगे रहते हैं
कि कब कौन कैसे
हमें दगा दे जाए,
बता नहीं सकते!
इसलिए हमें चाहिए कि
हम अपना कदम
फूँक-फूँक कर रखें,
नहीं तो
हम अनजाने में
किसी कमज़ोर पल में
अपना सबकुछ
गँवा बैठेंगे।
हमें निस्संदेह
ऐसे मुखौटाधारी लोगों को
जल्द-से-जल्द
पहचान कर
अपने जीवन से
दूर भगाना चाहिए।