मुझको कोई न रोक दे
मुझको कोई न रोक दे
चल रहा हूँ,मुझको कोई न रोक दे
आओ तुम भी साथ आओ,तुमको कोई न टोक दे
साथ हैं तो सारी दुनिया से लड़ जायेंगे
एक दूजे के सफर में हमसफ़र बन जायेंगे
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले,
पर ये रास्ते अधूरे न छोड़ दें
चल रहा हूँ...................
है शिकायत जिंदगी से तो
खुद से पूछा करो,
हो गये खुद से जुदा तो
हालतों को समझा करो,
ऐसे हालातों में जीने के
मायने को न मोड़ दें
चल रहा हूँ.................
हाँ सफर मुमकिन है,पर थोड़ा सा कठिन है
साथ अपने तो ये बस रात-दिन हैं,
पर वक़्त ही कुछ कम है
वक़्त को कोस कर,
मंजिल को ही न छोड़ दें
चल रहा हूँ........................
चल,मत रुको तुम
मैं भी इस सफर का हमसफ़र हूँ
उठ,मंजिल को पा लो तुम
मैं इस घर का बाशिंदा हूँ
कुछ नया कर गुजरने में,
कहीं अच्छा सा ही न खो दें
चल रहा हूँ,मुझको कोई न रोक दे.