STORYMIRROR

Umesh Shukla

Abstract

3  

Umesh Shukla

Abstract

मुझ पर तेरे प्यार का कर्ज

मुझ पर तेरे प्यार का कर्ज

1 min
205


नवमी तिथि पर सिद्धिदात्री

को करता शत शत प्रणाम

सन्मति और सद् पंथ देकर

मां करना सब पूरण काम

तेरी कृपा से हमें मिला है

मानुष का सुंदर स्वरूप

तेरे वरद से ही हम पार कर

सकेंगे दुनियारूपी भवकूप

मां तुम इतनी शक्ति दो कि

हम निभा सकें सब फर्ज

जन्म जन्म तक बना रहे मां

मुझ पर तेरे प्यार का कर्ज



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract