मुफ़्त
मुफ़्त




ज़िन्दगी में मुफ़्त कुछ नहीं मिलता
हर चीज की क़ीमत चुकानी पड़ती है।
क़ामयाबी हो, ख़ुशी हो या कोई अनमोल रिश्ता
एक चीज़ पाने के लिए एक चीज़ गँवानी पड़ती है।
ध्यान से चुनना राही तू अपनी जीत
ज़िन्दगी का जुआ है अजीब।
कभी जीत के भी सब हार जाते हैं लोग
कभी हार के भी दुनिया के ऊपर जीत हासिल लगती है।