मतलब की है दुनिया
मतलब की है दुनिया
कहते हैं दुनिया प्यार से चलती है
और कोइ कहता है रिश्तो से
मगर क्या यह सच है
कहने को तोह हम कुछ भी समझ सकते हैं
मगर सच यह है
की यह दुनिया मतलब की है
प्यार भी मतलब के लिये बदल जाता है
दोस्ती भी मतलब से ही होती है
रिश्ते भी मतलब से बनते हैं
जब मतलब होता है तोह याद आती है
वरना कोइ फ़र्क़ नही पड़ता की इंसान जिंदगा है या मर गया
आज कल दोस्ती भी मतलब की होती है
जब तक मतलब है तब तक दोस्ती है
जहा काम ख़तम वहा मैं कौन तू कौन
यही आज की दुनिया का दस्तूर है
रिश्ते पल भर मे बदल जाते हैं
अपने पराए हो जाते हैं
और आप रह जाते है अकेले
इसलिए अकेला रेहना सीक लो
क्युकी यह मतलबी दुनिया कभी भी तुम्हे छोड़ देगी
फिर तुम रेह जाओगे अकेले
यह दुनिया है अजीब मतलब पर ही चलती है।