मतला औ अशआ'र
मतला औ अशआ'र
उन्हें उनके प्रश्नों के जवाब चाहिए
मुझे मेरे लफ्जों का हिसाब चाहिए।
फूल भेजा था उन्हें कब की ऐ दोस्तों
मुझे ख़त वाली अब किताब चाहिए।
इश्क का है ऐसा आलम ऐ दोस्तों
बूढो को भी फिर से शबाब चाहिए।
ऐसा कभी होता है क्या ऐ दोस्तों
इश्क हो ही नही मगर गुलाब चाहिए।
ये दिल तो उन्हें दे दिया है ऐ दोस्तों
अब उन्हें और क्या नायाब चाहिए ?