STORYMIRROR

Chandresh Kumar Chhatlani

Abstract

4  

Chandresh Kumar Chhatlani

Abstract

मृत्यु इक लघुकथा है

मृत्यु इक लघुकथा है

1 min
272



मृत्यु, किसी लघुकथा की तरह, तू भी

एक ही क्षण को समेटे है अपने भीतर।


हाँ! एक फर्क ज़रूर है... 

लघुकथा का क्षण कितने ही और क्षणों को कर देता है ज़िंदा,

और तेरा क्षण किसी कहानी का कर देता है अंत।

लाखों-करोड़ों घंटे खत्म हो जाते… अगले ही पल। 


एक दिन - एक क्षण

हम सब लिखेंगे यह लघुकथा।

रह जायेगी एक गूंगी किताब

कुछ हाथों में - किन्हीं कन्धों पे। 

शायद कुछ दिलों में भी...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract