Nand Lal Mani Tripathi

Action Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi

Action Inspirational

मराठा शंखनाद

मराठा शंखनाद

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काल निरंतर चलता जाता

पीछे मुड़कर नहीं देखता 

चलता जाता ।।

युग काल का नीति नियत सा नाता

युग अपने दामन में काल

चाल निर्धारक व्याख्याता।।

युग वर्तमान काल की शान

मानव ही काल की पहचान

बताता।।


जब वेदना कराह की गूँजती

आवाज काल समय खुद युग

महापुरुष का राग सुनता।।

सन सोलह सौ तीस नौसेरी का

दुर्ग काल युग की आहट का

जन्मा सपूत।।


पुणे की पुण्य भूमि माँ भारती

का गौरव आँचल ज्ञान कर्म धर्म

की भूमि।।

शिवनेरी दुर्ग की माटी काकण कण दर दिवाले है

गवाह जीजाबाई शाह जी के

शिवा के जन्म जीवन का काल।।


सोलह सौ तीस मधुमास मौसम की

अंगड़ाई शिवा सूर्य शौर्य का अविनि

अम्बर युग आगमन उत्सव उल्ल्लास।।

माँ भारती की शौर्य साहस की

गाथा का सूर्योदय नव अध्याय।।


भारत के कण कण की मुस्कान

शिवनेरी दुर्ग की किलकारी वर्तमान की चिंगारी

भरत भारती के भविष्य की हुंकार।।

अदभुत बालक दानवता की

दुष्ट प्रबाह पर प्रहार शिवा सत्य

सत्यार्थ।।


माँ जीजाबाई की शिक्षा परवरिश

गुरुओं का आशीर्वाद पराक्रम शिवा शंख नाद।।

सोच समझ विचार की क्रंति

स्वस्तंत्र अस्तित्व स्वतंत्रता 

जीवन मूल्यों राष्ट्र आदर्श 

शिवा अहंकार।।


मुगलों से लोहा लेता शत्रु

कट्टर क्रूर औरंगजेब सत्य सनातन का

पल प्रहर करता सत्यानाश

शिवा मुगलों की मृग मरीचिका

पिपासा का शत्रु शत्र शास्त्र का

अंदाज़।।


सीधा युद्व कठिन था लड़ना

मुगलो की कट्टरता से शिवा

छद्म युद्ध किया आविष्कार।।

दिया चुनौती कट्टर क्रूर दमन 

साशन को मराठा छत्रप की

रखा आधार।।


मुगलों के अहंकार को 

धूलधूसित कर माँ भारती के

आन बान समान का रखा

सन सोलह सौ चौहत्तर में

सर पे महिमा महत्व का 

मुकुट महान।।


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