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Devendraa Kumar mishra

Tragedy

3  

Devendraa Kumar mishra

Tragedy

मर ही जाते तुम

मर ही जाते तुम

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तुमने चोट की, तुमने घाव दिए 

तुमने जितना बन सका 

कुचला, मसला, दबाया 

मैंने सिर्फ सहा, कुछ नहीं कहा 

अब जब मैंने सिर्फ पलटकर अपने ज़ख्म दिखाए 

तो तुम उफ और हाय.... सी सी... करने लगे 

सोचो, यदि मैं प्रति उत्तर देता तो...... 

मर ही जाते तुम. 



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