मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल
ए मानव,
जीवन के इतने वर्ष
व्यतीत कर समझ गए होंगे
कोई न कोई
कष्ट, चिंता,
संघर्ष, तनाव,
बीमारी, बुढ़ापा,
कुछ यथार्थ में
कुछ काल्पनिक
सब जीवन के ताने-बाने में हैं।
कभी भी बद से बदतर परिस्थितियों का
सामना करना पड़ सकता है।
क्यों न कभी-कभी
मॉक ड्रिल से अभ्यास करें।
जिस घटना के घटित होने की संभावना शून्य है
उसे भी घटित होता देखें
अपनी आंखों के सामने।
आप देखेंगे
आप मानसिक रूप से
तैयार हो जाते हैं
उस परिस्थिति का
सामना करने को।
अपने किसी समीपी रिश्तेदार को अंत्य रोग से जूझते हुए देखें,
अंतरंग प्रेमी को
मरते हुए,
पूरे घर को
आग की लपटों में धू धू कर
जलते हुए,
भयंकर तूफान में
सब नष्ट होते हुए
सारे क्षेत्र को
बाढ़ की लपेट में
पृथ्वी को किसी और ग्रह से
टकराते हुए देखें।
एक बार नहीं, बार बार देखें।
तुम तो कल्पना से ही इतने विचलित हो उठोगे कि
डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है
सच में कुछ हो गया
तो क्या होगा।
कल्पना में अगर
आप यह सब अभ्यास करते हैं
तो समय आने पर वास्तविकता का सामना करना
अधिक आसान हो जाता है।