मोक्ष
मोक्ष
तुम कहते हो
तुम्हें मोक्ष चाहिए
इस दु:ख भरी जिंदगी से,
मुक्ति चाहिए
जन्म मृत्यु के बन्धन से
सदा सदा के लिए।
क्या यकीन से कह सकते हो
जन्म और मृत्यु के बन्धन से मुक्त
सदैव प्रसन्न रह पाओगे।
मैं नहीं जानती
मृत्यु के पश्चात क्या होता है
मैं क्या,
कोई भी नहीं जानता।
कहा जाता है
जन्म मृत्यु के बन्धन से मुक्त व्यक्ति
सदैव स्वर्गिक स्थिति में होता है
शान्ति से रहता है
कोई समस्या उसे
परेशान नहीं करती
प्रतिकूलता उसे छू नहीं पाती।
न कमाने की फ़िक्र
न परिवार की
न कोई कष्ट
न कोई तकलीफ़
यानि सब बढ़िया बढ़िया।
ऐसी स्थिति में
क्या बोरियत नहीं होगी ?
करने को कुछ नहीं
कमाने को कुछ नहीं
कोई चुनौती नहीं
संघर्ष नहीं
तनाव नहीं
रिश्ते नाते भी नहीं
दोस्त दुश्मन का भेद नहीं।
जीवन, जो भी उस स्थिति को कहें,
एक सीधी सपाट रेखा।