मोहब्बत
मोहब्बत
परेशान हूं इसलिये तो करता हूं,
तेरी यादों की शमा बुझती ही नहीं,
जो तन्हा मुझे नींद आ जाये।
तू कहे तो चुप रहता हूं,मगर
तेरी आवाज को दिल से लगा कर,
हर पल वक्त बेवक्त बेचैन रहता हूं।
दूर होकर भी देख लो ऐ सनम अगर दिल की ख्वाहिश है,
दुनिया बदल जायेगी मगर हम नहीं यह आजमाईश है।
दूर होकर भी हम जुदा नहीं होगें,
तेरे आस पास ही हम जहाँ होंगे,
तू महसूस करना अपनी सांसों से,
हम तेरी रुह के पास हवा होंगे।
मोहब्बत करो तो हर मोेड़ पर निभाना होगा,
साथ साथ उम्र भर तक साथ ही चलना होगा