मोह और कोरोना
मोह और कोरोना
मोह और कोरोना
मोह, माया के जाल में फंसकर,
इंसान की हालत क्या हो गई।
पिया सूप चमगादड़ का चीन ने,
सारी दुनिया तबाह हो गई।
अपना स्वाद और मोह को देखा,
मोह के आगे कुछ नही देखा।
सोचा केवल अपने बारे में,
आज दुनिया बेहाल हो गई।
अभी कुछ महीनो पूर्व संसार घरो के अंदर था
बाहर नहीं कोई आ सकता था।
कोरोना ने बनाया सबको गुलाम,
छींक भी अपनी शत्रु हो गई।
मोह माया का लालच बुरा,
बड़े बुज़ुर्गों ने सही कहा।
जो है उसी मे हो जा खुश,
हर जगह समय की जीत हो गई।