मनोरंजन के क्षेत्र कल आज और कल
मनोरंजन के क्षेत्र कल आज और कल
बीता हुआ वो कल भी
क्या कल था
मनोरंजन का अपना अलग ही
महत्व था
ना इंटरनेट का वो जमाना था
ना मोबाइल जैसा कोई
खिलौना था
खेल - कूद मनोरंजन के साधन
ना जाने कितने थे
पकड़म-पक्डाई, छुपन-छुपाई
मनोरंजन के दिलचस्प खेल थे
वो दोस्तों के साथ टायरों का घुमाना
गुल्ली ड़ंडो का उछालना
चित्रहार और रंगोली का फिर
इंतजार वो टी. वी. पर करना
वो पोटली बाबा की
कहानी का आना
देख कर फिर अपनों के संग
हँसना और हँसाना
वो पुराना जमाना बड़ा
ही मनोरंजन वाला था
बीता मनोरंजन का कल
भी क्या सुनहरा कल था
हुआ उदय फिर इस तरह
से कल युग का
बदलाव आ गया फिर
मनोरंजन के साधनों का
आ गया जमाना इंटरनेट और कम्प्यूटर का
फना हो गए बीते हुए
कल के वो मनोरंजन
हाथ आ गए स्मार्ट फोन
के नए साधन
छोटे - बड़े सभी स्मार्ट फोन
में घुम इस तरह से हो गए हैं
खेलना-कूदना मनोरंजन के
खेल हम सब भूल गए हैं
एक वो पुराना कल था
जब वक्त अपनों के साथ था
आज ये एेसा युग है अपने होते
हुए भी ना हम अपनों के संग है
क्योंकि गूगल और फेसबुक में
जो सब मग्न है
लूडो, केरम, साँप-सीढ़ी ना
अब मनोरंजन के खेल रहे
अब तो मनोरंजन के खेल
सिर्फ़ you tube के चैनल रहे
कल और आज में परिवर्तन
जो एेसा आया हैं
इंसान खुद को ही
भूल गया है
इंटरनेट ने जीवन में
एेसा जो रस गोला हैं
शरीर और दिमाग को
खोखला ही कर डाला हैं
मनोरंजन के क्षेत्र का ना उत्साह
अब रहा हैं
ना जाने कैसा ये
आधुनिक युग आया हैं
घर बैठे फोन का बटन दबाते ही
हो जाता काम सारा हैं
ना जाने आगे कौनसा दौर
अब आएगा
आगे आने वाला कल ना
जाने क्या रंग दिखालाएगा
मनोरंजन के क्षेत्र का ना जाने
कौनसा खेल मैदान में अब आएगा
मनोरंजन के साधनों के
आविष्कार के साथ आने वाला
कल अपना जलवा दिखलाएगा।