।।मन।।
।।मन।।


मन चंचल होता बहुत मतवाला।
मुश्किल है इस पर काबू पाना।
जिसने मन पर काबू पाया।
उसी ने है इतिहास बनाया।
कभी इधर कभी उधर भग जाता।
दिल को ये है बहुत सताता।
जहाॅ॑ पर सूरत देखी प्यारी।
उसी तरफ को दौड़ लगा दी।
देख कर कली मुस्काती कोई।
ॉखुशियों से मन हर्षित होई।
दिखे जहाॅ॑ पर आनंद ज्यादा।
उसी ओर भाग तुरंत ये जाता।
मुश्किल बहुत है इसे बाॅ॑धना।
इधर उधर बस करे भागना।
जान न पाया मन की गति कोई।
जो मन कहे वही बस होई।
कभी दिखाए सुंदर सपने।
कभी दिखाता दुख के झरने।